मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ - by Deepak Sen



मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ,,
जाने अनजाने में, 
हो जाती है गलतियाँ,,
गिरकर उठकर फिर से,
संभल कर चलना सिखाती है गलतियाँ,,

मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ..............!
कभी उपहास कभी,
अपमान कराती है गलतियाँ,,
कभी सम्मान से जीना,
सिखाती है गलतियाँ,, 

मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ..............!
थककर रुककर फिर से,
चलने का रास्ता दिखाती है गलतियाँ,,
हार कर भी जीतने का, 
हौसला दिलाती है गलतियाँ,,

मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ..............!
कभी अच्छाई में, 
बुराई दिखाती गलतियाँ,,
कभी बुराई में अच्छाई दिखाकर,,
इंसानियत का पाठ पढ़ाती गलतियाँ,,

मनुष्य की फितरत में है गलतियाँ...................!
भावनात्मक सुख दुख में,
साहस बांधती गलतियाँ,,
जो दिल से भी टूट जाए,
उनमे नई उम्मीद जगाती गलतियाँ,,


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