राम मिले थे त्रेता युग में - by Abhilasha "Abha"
राम मिले थे त्रेता युग में,
वाल्मीकि के श्री मुख से,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
राम कथा सुन लेने से।
राम मिले थे त्रेता युग में,
तुलसी की चौपाइयों में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
उन चौपाइयों को गुनगुनाने से।
राम मिले थे त्रेता युग में,
दशरथ के दिए वचनों में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी
बूढ़े पिता की वाणी में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
मां कौशल्या की ममता में
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी
अपनी माता के आंसू में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
मां सीता की पवित्र छाया में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
प्यारी पत्नी की माया में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
लक्ष्मण भाई की सेवा में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
छोटे भाई के दुलार में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
भारत को शासन सौंपने में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
देश का शासन सुधारने में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
अहिल्या की मुक्ति में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
हर स्त्री को इज्जत देने में।
राम मिले थे त्रेता युग में,
अयोध्या की मर्यादाओं में,
राम मिलेंगे इस कलियुग में भी,
उनके पद चिन्हों पर चलने से।
Writer:- Abhilasha "Abha"
From:- Patna, Bihar
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