भारतीय संस्कृति - by Anita Negi
भारतीय संस्कृति को जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि वास्तव में संस्कृति है क्या?संस्कृति वह मानवीय परिस्थितियां हैं जो हमें चारों ओर से प्रभावित करती हैं, संस्कृति वह है जो हमें औरों से अलग बनाती है, संस्कृति वह है जो हमें विशेष बनाती है |
भारतीय संस्कृति:
भारतीय संस्कृति की सर्वश्रेष्ठता को सदैव ही स्वीकार किया जाता रहा है| यह वास्तविकता है कि विश्व की सर्वोत्कृष्ट संस्कृति भारतीय संस्कृति है| एक मात्र यही एक ऐसी संस्कृति है जिसे 'देव संस्कृति' कह कर सम्मानित किया गया है| भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां संस्कृति के स्वरूप, मान्यताएं, कर्मकांड, परंपराएं, पद्धतियों को सम्मिलित किया गया है| 'वसुधैव कुटुंबकम' सूक्ति के अंतर्गत मानव जाति के विकास का उच्चतम स्तर देखा जा सकता है भारतीय संस्कृति ही है जिसमें 'अनेकता में एकता' जैसे वाक्य का उल्लेख मिलता है| यही वो संस्कृति है जो विश्व की प्राचीन संस्कृति है|
भारतीय संस्कृति की विशेषताएं:
प्राचीनता:
भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम् संस्कृति है इसका प्रमाण सिंधु घाटी की सभ्यता, मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाए गए शैल चित्र, नर्मदा घाटी की खुदाई में मिलता है।
सहिष्णुता:
भारतीय संस्कृति में अन्य संस्कृति की अपेक्षा अधिक सहनशीलता पाई जाती है| भारतीय संस्कृति में किसी देवी देवता का पूजन करने आराधना करने पर संस्कृति व धर्म के नाम पर कोई बंधन नहीं लगाए गए हैं| भारतीय संस्कृति की सहिष्णु प्रकृति ने इसे स्थायित्व प्रदान किया है|
आध्यात्मिक एवं भौतिकता का समन्वय:
केवल भारतीय संस्कृति ऐसी संस्कृति है जिसमें आश्रम व्यवस्था का उल्लेख मिलता है इसके अतिरिक्त धर्म, काम और मोक्ष जैसे पुरुषार्थ को भी विशिष्ट स्थान दिया गया है| कर्मकांड, पूजा- हवन इत्यादि यह सब भारतीय संस्कृति में ही पाया जाता है| साहित्य संगीत और कला भी भारतीय संस्कृति को विशिष्ट बनाती है|
अनेकता में एकता:
अनेक विविधताओं के होते हुए भी एकता का अस्तित्व एकमात्र भारतीय संस्कृति में पाया जाता है| भारत और धर्मों, संप्रदायों, मतों ,आस्थाओं और विश्वासों का महादेश है|
जीवन शैली मूल्य और मान्यताएं :
यह सर्व विदित है कि भारतीय संस्कृति अन्य सभी संस्कृति में सर्वोपरि है, यह एक विविध संस्कृति वाला देश है बर्फ से लेकर खेतों तक, नम रेगिस्तान से लेकर डेल्टा तक, प्रचंड गर्मी से लेकर कड़ाके की ठंड तक सभी प्रकार की भौगोलिक विविधता का मिश्रण है भारतीय संस्कृति| भारतीय पोशाक खान-पान रहन-सहन स्थानों के आधार पर अलग-अलग है भारतीय संस्कृति हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में सब भाई भाई जैसी भावनाओं की मिसाल पेश करता है| वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति का तेजी से विस्तार होता जा रहा है परंतु यह भी सत्य है कि पाश्चात्य संस्कृति बहुत अधिक नहीं टिक सकी है केवल भारतीय संस्कृति में ही स्थायित्व व स्थिरता पाई जाती है | पाश्चात्य संस्कृति के लोग भी हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं इस्कान को मानने वाले अंग्रेजी लोग भी हरे रामा हरे कृष्णा का पूरे तन- मन से विस्तार कर रहे हैं| विदेशी सैलानी भी भारत आकर यहां के रंग रूप में ढले बिना नहीं रह पाते आज भी खादी की साड़ी धोती, कुर्ता दुपट्टा, लिए कहीं ना कहीं वे लोग दिख ही जाते हैं|
एकता का भाव:
भले ही यहां के लोग भौगोलिक भिन्नता के कारण अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं अलग-अलग पोशाकें पहनते हैं अलग-अलग धर्मों का अनुसरण करते हैं परंतु स्वभाव उनका एक जैसा है| एक विशेषता यह भी है कि हर सुख दुख व कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे का साथ देते हैं| खुशी का अवसर हो या दुख के क्षण लोग पूरे दिल से भाग लेते हैं|
आज भी कोई तीज त्यौहार हो तो मुस्लिम भाई-बहनों के घर पकवान जरूर जाते हैं और ईद पर मुस्लिम भाई-बहनों को हिंदू भाई बहन गले लगाना नहीं भूलते सेवई का आनंद एक साथ बैठ कर लिया जाता है| ऐसा अद्भुत प्रेम भारतीय संस्कृति के अलावा शायद ही किसी और संस्कृति में देखने को मिलता हो|
भारतीय संस्कृति में महिलाओं को उच्च स्थान दिया गया है। प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक भारतीय वीरांगनाओं के साहस, बलिदान, त्याग से कोई भी अनजान नहीं है| वर्तमान समय में भी बदलते परिवेश के साथ-साथ महिलाओं का स्तर भी उच्च होता जा रहा है|
विश्व की प्राचीनतम संस्कृति होने के कारण इसे विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है|
कुछ महत्वपूर्ण बातें भारतीय संस्कृति को और भी प्रभावशाली बनाती हैं।
●भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान संस्कृति है|
●प्राचीन होने के साथियों संस्कृति अमर भी है, मेसोपोटामिया की सुमेरियन, बेबीलोनियन, मिस्त्र, ईरान, यूनान और रोम की संस्कृति लगभग नष्ट हो चुकी है परंतु भारतीय संस्कृति कई हजार वर्षों से आज तक जीवित है|
●भारतीय संस्कृति अपनी विशालता उदारता प्रेम और सहिष्णुता के कारण अन्य संस्कृतियों की अपेक्षा अग्रणी स्थान रखती है|
●भारतीय संस्कृति लगभग 5000 वर्ष पुरानी है|
भारत एक देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपनी अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ रहते हैं और सम्मान की भावना, इज्जत और एक दूसरे के अधिकार के बारे में अच्छी भावना रखते हैं भारतीय लोग अपनी संस्कृति के प्रति अत्यधिक समर्पित रहते हैं हमारे विचारकों की 'उदारताचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत में गहरी आस्था रही है| वास्तव में शारीरिक मानसिक और आत्मिक शक्तियों का विकास ही संस्कृति की कसौटी है भारतीय संस्कृति सिद्धांतों पर आधारित है जो नए तो नहीं है परंतु पुराने भी नहीं है|
यह सिद्धांत किसी देश या जाति के लिए नहीं अपितु समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए हैं, इसीलिए भारतीय संस्कृति को मानव संस्कृति भी कहा जा सकता है| 'अतिथि देवो भव' का भाव प्रारंभ से लेकर आज तक भारतीय संस्कृति की विशेषता रहा है, अहिंसा तथा करुणा भी भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है| हमारी भारतीय संस्कृति सार्वभौमिक तथ्यों और सत्यता पर खरी उतरती है, यह संस्कृति विकासोन्मुख है इसलिए अमर संस्कृति के रूप में भी जानी जाती है| हमारे भारत में महान पुरुष हुए जिन्होंने अपने कार्यों,विचारों व सतकर्मों से भारत को धन्य किया है, हमें गर्व है हम उस धरा के निवासी हैं जिसकी संस्कृति व्यक्ति को महान कार्यों के लिए प्रेरित करती है|
भारतीय संस्कृति का संरक्षण :
भारत एकमात्र ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति अमूल्य धरोहर को सहेजने, संवारने और बचाए रखने का भाव रखता है| हमें संस्कृति में आने वाले दोषों को दूर करके अपनी इसे बचाने का प्रयास करना होगा तभी हमारी संस्कृति की उन्नति संभव है| हम वर्तमान समय में वैज्ञानिक युग में जी रहे हैं| मिथ्या वाह्य आडंबर और दिखावे को पीछे छोड़ वैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा संस्कृति का संरक्षण करना होगा| वर्तमान युग जागरण का युग है प्रत्येक व्यक्ति अपनी संस्कृति अपने देश अपने समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझें तथा इहका पालन करे, इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने धर्म परंपराओं और रीति-रिवाजों को जाने अपनी संस्कृति और कला को आगे बढ़ाने का प्रयास करें, यह भी जरूरी है कि हम अपनी संस्कृति पर गौरव करें और इसे अपने आचरण में उतारें भारत एक ऐसा देश है जो लोक कल्याण की भावना रखता है और यह हमारे लिए गौरव की बात है हमें इसी भावना को अपने आचरण में उतारने के लिए प्रयासरत रहना होगा|
हमें अपनी संस्कृति की जीवंतता को बनाए रखने के लिए इसे संरक्षित करने का भरपूर प्रयास करना होगा, सदैव स्वयं को भारतीय होने पर और अपनी भारतीय संस्कृति पर गौरवान्वित महसूस करें| इसी के साथ यह अत्यंत आवश्यक है कि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति की धरोहर को पहचाने उसके विषय में जानकारी प्राप्त करें और संस्कृति को अपनी आने वाली पीढ़ी को जिम्मेदारी के साथ हस्तांतरित करें | वस्तुतः वर्तमान समय में बच्चों पर शिक्षा का बहुत बोझ है इसी चरण में बच्चे नई-नई तकनीकियों का सहारा लेते हैं परंतु इन सब में कहीं ना कहीं हमारी संस्कृति हमारी परंपराएं कहीं खोती जा रही है। अतः प्रत्येक माता-पिता व परिवार का यह मूल कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति से भी अवगत कराएं क्योंकि परिवार बालक की प्रथम पाठशाला है और माता-पिता प्रथम शिक्षा जिनसे बच्चा बहुत कुछ सीखता है और कहीं ना कहीं अपने जीवन में उतारता है इसलिए प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को अपनी संस्कृति के विषय में बताना चाहिए अपनी भारतीय संस्कृति का सम्मान करना सिखाना चाहिए यद्यपि कि यह समय पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित होता जा रहा है आजकल उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए युवा वर्ग विदेशों की तरफ जाने लगे हैं| हां या आवश्यक भी है परंतु यदि बचपन से ही बालक को अपने देश की संस्कृति के बारे में बताया जाए तो वह स्वयं ही इसका सम्मान करेगा और किसी भी अन्य देश में जाकर भी अपने भारतीय संस्कृति की अमिट छाप छोड़ेगा| माननीय प्रधानमंत्री जी इसका जीवंत उदाहरण है उनमें अपनी भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव सम्मान का भाव कूट कूट कर भरा है जिससे अन्य देशों के बड़े-बड़े नेता मंत्री भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके हैं, डोनाल्ड ट्रंप महोदय ने स्वयं भारत आकर भारतीय संस्कृति का बखान किया और हेलो गुड मॉर्निंग की जगह नमस्ते से संबोधन किया|हमें गर्व होना चाहिए कि हमारी भारतीय संस्कृति ऐसी है जिससे विदेशी मुल्क भी प्रभावित है।
अतएव कहा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति मानवीय विकास के संबंध में अपना दायित्व पूरा करती है जिससे मनुष्य में पशुता के संस्कार ना उभरने पाए तथा मनुष्य में संत, समाज- सुधारक शहीद जैसी भावनाएं विकसित हो सके। मुझे अपनी भारतीय संस्कृति पर गर्व है और मुझे गर्व है कि मैं इस भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा हूं।
Waooo...Today I get A lot of Knowledge which I was unknown ☺
ReplyDeleteThanks a lot Maam for This Article
Fabulous 👏👏👏
ReplyDeleteToo good... Each word is so meaningful for us..
ReplyDeleteThank u so much 👏👏👏
Feeling proud after reading your article..
ReplyDelete👏👏👏👏👏
Nice article..
ReplyDeleteThanks for information.. now I feel more proud
ReplyDeleteValuable information....
ReplyDeleteAfter reading this article I feel proud of my Indian culture..
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVerw well done..🤗🤗😄
ReplyDeleteNice article
ReplyDeleteWow.. very good
ReplyDeleteThis article gives a good message to new generation.
ReplyDeleteWe proud to be an Indian
ReplyDeleteI liked this article very much. I read it twice
ReplyDeleteBahut hi umda lekhan aur usse bhi behtareen jaankari। साझा करने के लिए धन्यवाद और बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद मैडम जी आपने भारतीय संस्कृति का चित्र सबके सामने प्रस्तुत किया, और आपने बहुत से आकर्षक पहलुओं को हमारे सामने रखा इसी प्रकार आप भविष्य में भारतीय संस्कृति का परिचय देते रहें।
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteबहुत सुंदर महत्वपुर्ण जानकारी 🙏💐
ReplyDelete��������
ReplyDelete������������
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteBahut sunder
ReplyDeleteThanks for information
ReplyDeleteAisi jankari dene ke liye sukriya mam
ReplyDeletePadkr bahut achha lga
ReplyDeleteAap humesa aise hi likhti rahe
ReplyDeleteSbse sunder bhartiya sanskriti
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteKya bat hai
ReplyDeleteAti sinder
ReplyDeleteWell done
ReplyDeleteWow kya bat hai
ReplyDeleteWow kya baat hai
ReplyDeleteWe proud to be an Indian 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ReplyDeleteVery niceee
ReplyDeleteWe proud to be an Indian
ReplyDeleteAmazing information mam👍👍👏
ReplyDeleteSpeechless
ReplyDeleteValuable article Ma'am👏👏
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