शिक्षा - by Dr. Anurag Pandey


एक कृष्ण मुरारी की गीता से,

जीवन मर्म का ज्ञान हुआ।

ये कृष्णपट्ट भी उतना पावन,

शिक्षा का उत्थान हुआ।


होकर के सुशोभित हर घर में,

भगवद गीता निवास करे।

हर शिक्षालय में श्यामपट्ट भी,

जीवन में ज्ञान का प्रकाश करें।


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खुद स्याह होकर भी इसने,

हम सबका भविष्य उजास किया।

बन चाक ने भी मीरा इसके संग,

अध्येता का चलन मधुमास किया।


हम शिक्षकों का ये पाशुपति,

हर दिन हमने संधान किया।

हर विद्यार्थी की बाधा का,

हमने इससे ही निदान किया।


शिक्षा,शिक्षक और छात्र के मध्य

'अनुराग' है ये अनमोल कड़ी।

इसके पावन प्रसाद से ही,

मैंने ये आज रचना गढ़ी।


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