शिक्षा का महत्व - by Shweta Agrawal
KB Writers
शिक्षक दिवस लेखन प्रतियोगिता
प्रतियोगिता संख्या - 2
प्रतिभागी का नाम - Shweta Agrawal
शिक्ष् धातु से निर्मित 'शिक्षा' मात्र एक शब्द नहीं है बल्कि वह देदीप्यमान प्रकाश-पुंज है जो हमारे समग्र जीवन से अज्ञान रुपी अन्धकार को दूर कर ज्ञान रूपी उज्जवल प्रकाश फैलाता है|
शिक्षा अर्थात् सीखना,ज्ञान ग्रहण करना तो मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है | जीवन में आगे बढ़ने ,बेहतर जीवन जीने और सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा अति आवश्यक है | चाहे अच्छी नौकरी की चाह हो या उच्च जीवन स्तर की आकांक्षा शिक्षा की अनिवार्यता से इंकार नहीं किया जा सकता | एक उच्च शिक्षित व्यक्ति न सिर्फ बेहतर पद एवं सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर सकता है बल्कि समाज में भी अपना योगदान दे सकता है |
आज के आधुनिक परिवेश में तो शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है | आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में,सभी के लिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करना अति आवश्यक है। उचित शिक्षा उज्जवल भविष्य के द्वार खोलती है। यह हमारे ज्ञान,,तकनीकी कौशल और तार्किक सोच को बढ़ाकर हमें मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाती है।
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शिक्षा से हम अपने सपनों में नई उड़ान भर सकते हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की चाह रखता है। वह अपने लिए उच्च स्तरीय पद जैसे - डॉक्टर, आईएएस,, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट, बिज़नेसमैन आदि के सपने संजोता हैं | इन सभी सपनों को साकार करने की एकमात्र कुंजी है -अच्छी शिक्षा। अच्छी शिक्षा से ही वह योग्य डॉक्टर,आईएएस, इंजीनियर,,चार्टेड अकाउंटेंट, बिज़नेसमैन आदि बनता है और समाज की बेहतरी के लिए अपना योगदान देता है |
शिक्षा के कारण ही नित नए-नए अविष्कार और अन्वेषण हो रहे हैं, जिससे मानव जीवन सुगम एवं सुखमय हो रहा है| आज घर-घर में हाथ-पंखे की जगह कूलर और ए.सी.मौजूद है | चूल्हे के धुँए की जगह गैस और माइक्रोवेव का सुकून है | बैलगाड़ी की जगह कार और हवाईजहाज की उड़ान है | ये सब शिक्षा के कारण ही सम्भव हो पाया है | शिक्षा और तकनीक के कारण ही कृषि में भी क्रांतिकारी विकास हुआ है | बेहतर उपकरणों, बेहतर बीजों, बेहतर सिंचाई के साधनों के प्रयोग से पैदावार की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में आमूलचूल वृद्धि हो चुकी है | शिक्षा के कारण ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत विकास हुआ है जिसके कारण मृत्यु-दर में काफी कमी आई है| कई असाध्य बीमारियाँ शिक्षा और तकनीक के कारण ही आज साध्य बन पाई है | उनका इलाज सम्भव हो पाया है | शिक्षा से ही व्यापार भी उन्नत होता है जिससे आय बढ़ती है | प्रतिव्यक्ति आय बढ़ने से राष्ट्र की आय में भी बढ़ोत्तरी होती है जिसके फलस्वरूप उस राष्ट्र के नागरिकों का जीवन-स्तर भी उन्नत होता है | यह शिक्षा का ही कौशल है कि आज अंतरिक्ष भी मानव की पहुँच से दूर नहीं है | चाँद और मंगल तक उसका परचम लहलहा रहा है |
किन्तु,क्या मानव के जीवन में शिक्षा का महत्व मात्र पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति या बेहतर जीविकोपार्जन के लिए ही है ? क्या शिक्षा मात्र किताबों और स्कूल-कॉलेज तक ही सीमित है? क्या इसका उद्देश्य मात्र हमारे जीवन को सुविधा संपन्न बनाना है ? क्या इसका स्वरूप इतना संकुचित एवं संकीर्ण है?
नहीं,बिल्कुल नहीं | निःसन्देह स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई शिक्षा का मह्त्वपूर्ण भाग है | बच्चे स्कूल-कॉलेज में बहुत कुछ सीखते है | अक्षर-ज्ञान से लेकर तकनीकी कौशल के महत्वपूर्ण गुर सीखते है जो भावी जीवन में उनके बहुत काम आते हैं,उनके जीवन को सुख सुविधा संपन्न बनाते हैं लेकिन शिक्षा सिर्फ स्कूल-कॉलेज से की गयी पढ़ाई -लिखाई या चंद किताबों को पढ़कर ग्रहण किया गया किताबी ज्ञान मात्र नहीं है|
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शब्दों में कहें तो ” शिक्षा सूचना प्रदान करने एवं कौशल प्रशिक्षण देने तक ही सीमित नहीं है।इसे शिक्षित व्यक्ति को मूल्य प्रदान करना है।"
नेल्सन मंडेला के अनुसार - “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसे आप दुनिया को बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं”|
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार -‘‘ मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है।’’
राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी के अनुसार - ‘‘ शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है।’’
प्लेटो के अनुसार - ‘‘ शिक्षा का कार्य मनुष्य के शरीर और आत्मा को वह पूर्णता प्रदान करना है, जिसके कि वे योग्य हैं।’’
अरस्तू के अनुसार - ‘‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निर्माण ही शिक्षा है।’’
हरबर्ट स्पेन्सर के अनुसार-’’शिक्षा का अर्थ अन्त: शक्तियों का बाह्य जीवन से समन्वय स्थापित करना है।’’
उपरोक्त उद्धरण हमें शिक्षा का सही और सटीक महत्व समझाते हैं | इन उद्धरणों से शिक्षा की व्यापकता और उसकी महत्ता पूर्णतया स्पष्ट होती है |
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इनके आलोक में हम कह सकते हैं कि वास्तव में तो शिक्षा का स्वरूप एवं महत्व बहुत ज्यादा व्यापक है |शिक्षा मनुष्य में निहित शारीरिक ,मानसिक एवं आत्मिक श्रेष्ठ शक्तियों का सर्वांगीण विकास है|यह तो मानव के जन्म से लेकर मरण तक चलने वाली शाश्वत प्रक्रिया है| जन्म से ले कर मृत्यु तक मानव अपने अनुभवों से,अपने गुरुजनों से,अपने आसपास के वातावरण से जो भी सीखता है वह समस्त ज्ञान शिक्षा है | शिक्षा के बिना तो मनुष्य केवल एक पशु के समान है।शिक्षा ही मनुष्य में सोचने-समझने की समझ विकसित कर उसे बाकी प्राणियों से पृथक करती है| शिक्षा से न सिर्फ लोगो का ज्ञान बढ़ता है बल्कि उनकी सोच भी विकसित होती है | परिमार्जित होती है |
शिक्षा से राष्ट्र के नागरिक राष्ट्र के बेहतर भविष्य और विकास के लिए जिम्मेदार बनते हैं। उच्च शिक्षित लोग विकसित राष्ट्र का आधार बनते हैं। इसलिए,उचित शिक्षा व्यक्ति और राष्ट्र दोनों का भविष्य उज्जवल बनाती है। यदि नेता शिक्षित हो तो देश का निर्माण और उत्थान करते हैं और इसे सफलता और प्रगति की नई ऊंचाई तक ले जाते हैं।
संसार के समस्त वैभवों में शिक्षा रूपी धन ही एकमात्र ऐसा धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता, कोई छीन नहीं सकता और जो बांटने पर कम होने के बजाय बढ़ता ही जाता है |
"सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम् ।
अहार्यत्वादनर्ध्यत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा ॥"
शिक्षा हमें एक बेहतर इंसान बनाती है |मनुष्य के चारित्रिक गुणों का विकास कर अच्छे चरित्र का निर्माण करती है | नकारात्मकता को हटाकर सकारात्मक विचारों की ओर ले जाती है | जीवन के हर दृष्टिकोण को समझने की सूझ -बूझ पैदा करती है|आपसी विद्वेष और सामाजिक भेदभाव को मिटाने में सहायता करती है |विपरीत परिस्थितियों में भी जूझने की हिम्मत प्रदान करती है | आत्मविश्वास बढ़ाने की साथ व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक है| अच्छी शिक्षा जीवन को कई प्रकार से लाभान्वित करती है जैसे व्यक्तिगत उन्नति, सामाजिक स्थिति में वृद्धि, सामाजिक स्वास्थ्य में वृद्धि, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र को सफलता, जीवन के लक्ष्य निर्धारित करना, जीवन में मानवीय गुणों यथा- परोपकार,ईमानदारी आदि का समावेश करना और सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना | शिक्षा लोगों को यथासंभव परिपूर्ण और श्रेष्ठ बनाती है।
अतः हमें ऐसी शिक्षा ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए जिसमें किताबी और तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ चारित्रिक और नैतिक मूल्यों का भी समावेश हो जिससे शारीरिक,भौतिक,मानसिक और चारित्रिक सभी अंगों का विकास साथ -साथ हो सके |
nice
ReplyDeleteLiked the quotes from various personalites...shows how people from diverse backgrounds felt the dire importance of 'good education'!!
ReplyDeleteKeep up the good work 😃
V.nice
ReplyDeleteVery inspiring and showing true value of not only education but knowledge along with education. Keep writting
ReplyDeleteGood work!
ReplyDeleteGreatly written and inspiring!!
ReplyDeleteKeep up
Very inspiring !!
ReplyDeleteबहुत खूब ।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteV.inspiring
ReplyDeleteV.well explained
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ReplyDeleteWe have always known that the best way to solidfy our learning is to teach / share it with others. Still, most people do otherwise.
ReplyDeleteNice article, thanks for sharing