मचा था सृष्टि में जब हाहाकार - by Pinki Khandelwal
मचा था सृष्टि में जब हाहाकार,
सब जगह था राक्षसों का आतंक,
तब की ब्रहा ने रचना,
एक कन्या की,
दी सबने अपनी शक्ति,
बना दिया उसे,
राक्षसों के संहार के लिए दृढ़,
लिया उस कन्या ने काली का रूप,
तो कांप गये सब असुर,
कर राक्षसों का अंत,
कहलायी वो देवी स्वरूपा मां आदिशक्ति जगदम्बा,
करते थे देवता भी उनको नमन,
लिए उन्होंने अनेकों अवतार,
किया सृष्टि का उद्धार,
कभी बनी शैलपुत्री तो कभी बनी कात्यायनी,
कभी सीता तो कभी राधा,
थे उनके अनेकों रूप,
थी उनकी अलौकिक शोभा,
कभी सीता बन धरती में समायी,
तो राधा बन प्रेम की देवी कहलायी।
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