धन की बरकत और बढ़ोतरी कैसे? - by Sudha Jain
धन कमाना भी एक कला है, और धन की बरकत कैसे हो ,यह भी महत्वपूर्ण है।
सर्वप्रथम धन की बढ़ोतरी के लिए आपको अपने मन को खुश रखना है ।आंतरिक खुशी धन को आकर्षित करती है। खुश मन में धन आकर्षित होता है ,अतः अपने मन को सदैव प्रसन्न रखिए। खिन्नता और उदासी दूर हो ऐसा प्रयास करते रहे, जब भी कभी रुपए अधिक खर्च हो रहे हो तो बहुत अधिक खर्च हो रहा है, यह बोलने की बजाए इन्वेस्टमेंट बोले।
अगर हमारे बच्चे धन को बहुत अधिक खर्च करते हैं तो हमें इस बात को सभी को बढ़ा चढ़ा कर नहीं बताना है, बल्कि ऐसा बोलना है कि बच्चे बहुत समझदार हैं मितव्यी है, ऐसा बार बार बोलने से हमें परिवर्तन दिखाई देगा।
हमारे कोई परिचित या रिश्तेदार का बच्चा भी अधिक खर्च करता है, तो हमें उसकी चर्चा नहीं करना है ।
हमारी वाणी में, वर्तन में, व्यवहार में हम बोलेंगे कि बरकत है, तो बरकत है, और हम बोलेंगे की कमी है ,तो कमी आ जाएगी।
हमारे रिक्शा वाले, सब्जी वाले को पांच -₹10, ज्यादा दें उनके ह्रदय में खुशी आएगी ,और वह हमारे धन को अवश्य ही बढ़ाएगी।
छोटे-मोटे फुटपाथ वाले दुकानदारों से बारगेनिंग ना करें। रुपया छोटा हो या बड़ा उसी का पूरी तरह से सम्मान करें ।
हर नोट का वेलकम करें, एक एक पैसे की इज्जत करें ,जैसे 1000 के नोट की कीमत करते हैं ,वैसे दस के नोट की भी कीमत करें। जहां हम धन रखते हैं, वह पर्स ड्रावर , पेटी ,अलमारी के प्रति आदर भाव रखें, और मन में समझें कि यह मेरे लिए बहुत लकी है, बहुत बरकती है ,ऐसा बार-बार मन में सोचना है, सराहना है। जब भी हम किसी भी होटल में ,रिक्शे में ,अपने पारिवारिक जन, मित्र ,रिश्तेदार के साथ जाएं तो पेमेंट करने में हिचके नहीं ,और मन में सोचे कि ईश्वर ने मुझे देने के काबिल बनाया है ,और देने में सर्वथा आगे रहे।
हमारे मन में सोचना है, जब भी किसी को देना है, खुश होकर देना है ,प्रेम से देना है। दुनिया तो गोल है, अगर हमने किसी को प्यार पूर्वक दिया है, तो वह नोट पुनः पुनः वापिस आपके पास आएगा। जैसे अपने धन की कद्र करते हैं वैसे धन के दूसरे के धन की भी कदर करना है। रुपए को हमेशा सम्मान और प्रेम की नजर से देखना है ।नोटों को हाथ में रखकर बोलना है,
"आई लव यू
आई लाइक यू
आई रिस्पेक्ट यू "
अपने पास के नोट को किसी को दे रहे हो तो शुभ भावना से दीजिए ,सोचिए कि जिस काम से जा रहा है, उनका काम अच्छे से हो जाए ।यह ईश्वर से प्रार्थना कीजिए।
जब भी कभी आपने किसी को धन दिया है और वह नहीं आ रहा है ,तो किसी के सामने यह मत कीजिए कि मेरा धन अटका है, हमें बोलना है कि मेरा यह धन उनके पास जमा है ,और मुझे ब्याज के साथ मिलेगा। हम खुश होंगे और जो हमारे पास है उससे खुश होंगे ,तो धन हमारे पास लौटकर आएगा ।
अपनी लाचारी के चक्र को समाप्त करना है ।"मैं धन को आकर्षित कर सकता हूं क्योंकि मैं खुशी के योग्य हूं"।
हमारे अंदर की नकारात्मक ऊर्जा को साफ करना है ।सरल चीजों को अपनाना है, खुद को शांति से भरना है ,धन की शक्ति का सम्मान करना है।
धन हमारी मेहनत व परिश्रम का नतीजा है, हम से अधिक धनी व्यक्तियों का जीवन कैसा है? उनकी क्या आदतें हैं? उन्होंने किस प्रकार धन कमाया ?और किस प्रकार बढ़ाया? यह देखें, और सीखें ।
पैसे को कमाना भी सीखें और देना भी सीखें ।जितना पैसा खर्च होगा, जितना पैसा बाटेंगे वह पैसा जल्दी से जल्दी घूम कर आपके पास आएगा।
धन धन को आकर्षित करता है इस बात को ध्यान रखते हुए हमारे जीवन में बरकत और बढ़ोतरी करना है।
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