हिन्दी भाषा ( हिन्दी दिवस विशेष ) - by Abhilasha "Abha" ( Hindi, Hindi Language, Hindi Diwas )
हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है। हिन्दी भारत की राजभाषा के साथ हमारी मातृभाषा भी है।संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को 14 सितंबर 1949 को आधिकारिक भाषा की संज्ञा दी,इसी कारण हम प्रतिवर्ष इस दिन हिंदी दिवस मनाते हैं। 1965 में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में चुना गया। हिन्दी भाषा में अधिकांश शब्द संस्कृत के भी हैं। इस भाषा की गिनती भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 25 भाषाओं में की जाती है। यह संसार की उन्नत भाषाओं में से एक है।पूरी दुनिया में हिन्दी बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है। यह लिखने और बोलने में भी सबसे सरल और लचीली है। भारत सरकार निरंतर प्रयासरत है कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषाएं बनाई जाए। अगस्त 2018 से संयुक्त राष्ट्र ने साप्ताहिक हिन्दी समाचार का बुलेटिन आरंभ किया है।
परंतु, क्या हम अपने मन से इस भाषा को स्वीकार कर पाए हैं?
यह प्रश्न हमेशा ही मेरे मन में चलता रहता है। सरकार सारे कार्य को हिन्दी भाषा में संपादित करने के लिए कहती है, परंतु आज भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां हिन्दी में आवेदन पत्र और फॉर्म स्वीकार नहीं किए जाते। बिना अंग्रेजी लिखे वहांँ कोई चारा नहीं।
क्योंकि मैं हिंदी विषय की अध्यापिका हूंँ,इसलिए मुझे इस भाषा से कुछ खास ही लगाव है।
जहांँ कहीं भी हिन्दी का गलत प्रयोग होते देखती हूंँ तो मुझे बहुत ही बुरा लगता है। मैं हमेशा प्रयत्नशील रहती हूंँ कि उन गलतियों को सुधार कर लोगों को सिखा सकूं। अभी भी लोग हिन्दी भाषा को अपनाने और उसका प्रयोग करने में हिचकिचाते हैं।पढ़े-लिखे लोग तो सीधे इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और जो अनपढ़ हैं,वह भी अपने बच्चे को इंग्लिश मीडियम स्कूल में ही पढ़ाना चाहते हैं। हिन्दी की जैसे कोई जरूरत ही नहीं। हिन्दी भाषा और समृद्ध और वृहत स्तर से आगे बढ़ाने के लिए बैंक, स्कूल, कॉलेज और सभी सरकारी कार्यालयों में हिन्दी की अनिवार्यता होनी चाहिए और सभी लोगों को हिन्दी की प्राथमिकता समझनी चाहिए।हमारे विद्यालयों में जो भी पुस्तक इंग्लिश में चल रहे हैं उन सबों को हिन्दी में पढ़ाना चाहिए। शिक्षक अगर चाहें तो हिन्दी का प्रचार और प्रसार बहुत अच्छे तरीके से कर सकते हैं, क्योंकि यह हमारे देश के मजबूत निर्माता होते हैं।
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