जल ही जीवन है - by Hirdesh Verma 'Mahak' ( Save Water, Save Life, Water is life, Water, Motivational )


निर्मल स्वच्छ स्वरुप जिसका

पारदर्शिता है जिसके दर्शन में

शीतलता से परिपूर्ण है स्पर्श 

सुखद संतृप्तता है जिससे अंतर्मन में

शृंगार करती है प्रकृति उससे ही

अभिसिंचित होकर

रंग बिरंगे पुष्प ये खिलते

और हरियाली का रंग बिखरता

महक जाती है सारी धरती

अम्बर से जब जब वो बरसता

वो सुन्दर सलिल प्रकृति का चंदन है।

जीवन का आधार है जल 

देखो जल ही जीवन है।


सुदूर बादलों में वो वाष्प के

आवरण से आच्छादित है

श्वेत ,मनोरम हिम के रूप में

वो हिमशिखरों पर सुसज्जित है

रंगहीन है पर जिस रंग घुलता

उसे समर्पित हो जाता

निराकार है कभी समंदर तो

कभी प्यालें में ही आ जाता

पेड़, पौधें, पशु, पंछी सब

जीवों की प्यास का जिससे बंधन है।

जीवन का आधार है जल

देखो जल ही जीवन है।


जल बिन शुष्क होती धरती

सूख जाता हर पत्ता, पत्ता

जिह्वा की जब प्यास ना बुझे

तो सूख जाता प्राणों का भी बस्ता

है धरा का अनमोल रतन,

 प्रदूषण से सदा बचाओ

बेशकीमती है पानी का इक इक कतरा

व्यर्थ में ना जीवन अमृत बहाओ

नहीं विकल्प है दूजा जल का

ना ही निर्माण है संभव

जल का अंत है प्रलयकारी

एक उपाय बस संरक्षण है।

जीवन का आधार है जल

देखो जल ही जीवन है।




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