स्मार्टफोन सी हो गयी हैं ज़िन्दगी - by Lokesh Kumar Upadhyay ( Motivational, Motivational Poem, Motivational Quotes, Corona, Corona Virus, Covid 19 )


स्मार्टफोन सी हो गयी हैं ज़िन्दगी,

आखिर टच करने का प्रतिफ़ल,

यू आने लगा  सामने,

भूचाल सा आ गया जहां में,

ना गले मिले, ना पास बैठे,

ताक रहा दूर से ही प्रेम पूजारी,

 प्रेयसी भी सोच रही ?

कैसे सजना से प्रीत की रस्म निभानी, 

जाने कब   मुनासिब होगा प्रिय मिलन, 

कब नजदीकियां होगी,

कब हँस उठेगी फिर से गलियां, 

कब खिलेंगे फ़िर से मुखमण्डल ।

खैर! वो दिन भी अब दूर नहीं ,

जब वसुधा भी हँस हँस के गले लगेगी,

फिर से रूठी प्रकृति भी खिल उठेगी,

जग का दुश्मन हारेगा,

सजग हो गए मानवता के प्रहरी,

एक इंसान दूसरे इंसान से गले मिलेगा,

फ़िर वही प्रीत बढ़ेगी,

होगा भविष्य का  पुनर्निर्माण,

आख़िर होगी मानवता की जीत,

फिर से गूँजेगा शंखनाद।

भारत तेरी जय हो।।




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