काश माँ तू मेरे पास होती - by Ruhi Singh
तेरे पलकों पे मैं अपने सपने सजाती ,
रोज तुझपे नख़रे दिखाती ,
तुझे मैं जी भर कि सताती !
काश माँ तू मेरे पास होती !
तेरे आँचल में मैं समा जाती ,
तुझसे अपनी हर बात बताती ,
ज़िद करती , फिर तुझसे डाँट भी खाती ,
काश माँ तू मेरे पास होती !
चलते , बढ़ते गिरते उठते
जब कभी मैं थक सी जाती ,
तेरी गोद मैं अपना सिर रख के
मन पूरा हल्का कर आती ,
काश माँ तू जो मेरे पास होती !
विडीओ कॉल पे जब तुझसे
अपने कोई गम छुपाती ,
चाहे कितना भी मै हंसती जाती ,
मेरी ख़ाली आँखे तू पढ़ ही जाती ,
काश माँ तू जो मेरे पास होती !
ना समझ हूँ मैं आज भी ,
तू मुझे हर रोज बताती
जीवन कैसै जीना है .
तू ये हर बार सिखाती
काश माँ तू मेरे पास होती !
मैं भी अब माँ हो गई हूँ ,
ये देख कि तू कितना इतरातीं ,
इसपे अपना हक़ मुझसे जादा जताती
काश माँ तू जो मेरे पास होती !
वैसै तो मैं सुख में हूँ ,
बस इसमें थोड़ी सी कमी है ,
हर वो कमी पूरी हो जाती
काश माँ तू जो मेरे पास होती ,
काश माँ तू जो मेरे पास होती !
(✍🏻✍🏻रुही के रूह से ✍🏻✍🏻)
No comments