कल रात मैंने एक सपना देखा - by Ruhi Singh
कल रात मैंने एक सपना देखा ,
सपने में एक घर था देखा !!
बड़ी दीवारें पीले रंग की,
दरवाज़े पे कुंडी खड़की !
कल रात मैंने एक सपना देखा ,
सपने में माँ तुझको देखा !
नीली साड़ी जिसपे फूल बने थे ,
आँखो में थी उम्र की रेखा ,
माँ मैंने तुझको हँसता देखा !
कल रात मैंने एक सपना देखा !
सपने मे पापा आपको भी देखा ,
भूरा कुर्ता सफ़ेद पायजामा!
आँखो पे मैंने चश्मा देखा ,
अख़बार लिए मेरे पास खड़े थे ,
चाय की चुस्की लेते देखा !
कल रात मैंने एक सपना देखा !
उस प्यारे से घर में मैंने
फूलो की एक क्यारी देखी !
वही पास टेबल पे मैंने ,
अपनी तस्वीर पुरानी देखी ,
कल रात मैंने एक सपना देखा ,
सपने में घर अपना देखा !
घर में एक मंदिर भी देखा ,
पास खड़ी मैं कुछ सोच रही थी !
पापा से कुछ पूछ रही थी
माँ को पूजा करते देखा ,
पापा को कुछ कहते देखा !
कल रात मैंने एक सपना देखा ,
सपने में घर अपना देखा !
ख़ुशियों से भरा मैंने ,
उस घर का हर एक कमरा देखा !
प्यारा सा वो परिवार मेरा वो ,
प्यार की डोर में जो बंधा था ,
उस प्यार में खुद को जीता देखा ,
सपना वो मैंने सच सा देखा ,
कल रात मैंने ये सपना देखा ,
कल रात मैंने ये सपना देखा !
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