माँ के नवरूप - by Priyanka Pandey Tripathi
नवरात्र ऋतु परिवर्तन का पर्व है,
भारतीय नवसंवत्सर का प्रारंभ होता है।
नवरात्र नारी शक्ति का प्रतीक है,
नवरात्र मे कन्याओं को पूजा जाता है।।
प्रथम देवी हिमालय पुत्री,
प्रकृति की देवी है।
जगत की सभी शक्तियां,
देवी शैलपुत्री में विद्यमान है।।
द्वितीय देवी ब्रह्मचारिणी,
ब्रह्मांड जन्मदात्री सृष्टि निर्मात्री।
नारीशक्ति को मां का स्थान मिला,
गर्भ धारण करके शिशु जन्म की नींव पड़ी।।
तृतीय देवी चंद्रघंटा,
मस्तक सोहे अर्द्धचंद्रघण्ट।
मां दुर्गा सिंह पर विराजती,
दसों हाथ विभूषित अस्त्र शस्त्र खड्ग।।
चतुर्थ देवी कुष्मांडा,
आदि स्वरूप आदि शक्ति।
सूर्यलोक मे निवास करती,
अष्टभुजा नाम से विख्यात हुई।।
पंचम देवी स्कन्दमाता,
तुम्ही स्कन्दकुमार की माता।
पार्वती महेश्वरी गौरी वैभवमयी,
तुमने असुरों का दमन किया।।
षष्ठम देवी कात्यायनी,
मां भगवती का ही रूप।
तृष्णाओ को तुष्ट करने वाली,
साधना तप को करती फलीभूत।।
सप्तम देवी कालरात्रि,
सदैव देती शुभ फल।
दूजा नाम 'शुभंकरी',
मां करती दुष्टो का विनाश।।
अष्टम देवी महागौरी,
सभी दुखों को हरती ।
नवम देवी मां सिद्धिदात्री,
भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण करती।।
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