पूर्ण हुए है एक दुज़े से हम - by Ruhi Singh
पुरुष प्रधान इस धरती पे,
महिलाओं की वाह -वाही है
पूर्ण हुए है एक दुज़े से हम,
तभी सफलता पाई है !
लिया जन्म जब कृष्ण रूप में ,
देवकी माता कहलाई है ,
मान दिया माता अपने ,
तभी यशोदा माई है !
पूर्ण हुए एक दुज़े से हम ,
तभी सफलता पाई है !
भाई बन कर रक्षा की है,
क़सम हर बरस ये खाईं है ,
लक्ष्मी बाई के संग भी ,
तो नाना जैसा भाई है !
पूर्ण हुए एक दुज़े से हम,
तभी सफलता पाई है !
पिता रूप की तुलना मैं ,
बस इस बात से कर पाऊँगी
अपनी बेटी की खतीर हर
बाप ने जान लुटाई है !
पूर्ण हुए एक दुजे से हम
तभी सफलता पाई है !!
पति रूप जब ले कर तुमने ,
हमारी माँग सजाई है ,
महल हो या कुटिया हो आपकी ,
महारानी हमें ही बनाई है ,
पूर्ण हुए एक दुज़े से हम ,
तभी सफलता पाई है !
मित्र रूप जब लिया कृष्ण सा ,
सभा में लाज बचाई है ,
दिया साथ वहाँ जब
विपदा की घड़ी आई है !
पूर्ण हुए एक दूजे से हम ,
तभी सफलता पाई है !!
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