अच्छा नहीं किया - by Dr. Shaheda


अच्छा नहीं किया


बेबात  ख़फ़ा हो गये तुम  अच्छा नहीं किया ।

मुँह मोड़कर चले गये तुम अच्छा नहीं किया ।।


हर वक्त खेलते रहते थे मेरे जज़्बात से तुम ।

उन खिलौनो को तोड़कर, अच्छा नहीं किया ।।


तुमने किया था वादा  उम्र भर साथ निभाओगे ।

मझधार में ही छोड़कर हमें,अच्छा नहीं किया ।।


यूँ  हमने तो आदत डाल ली है तन्हा जीने की ।

किस्मत पे किया सब्र तुमसे गिला नहीं किया ।।


बदले में ऐतबार के मुझको मिला धोखा बहुत ।

होठों को सी लिया है मगर शिकवा नहीं किया ।।


उम्मीद थी,कभी मिल जाएंगे दिल से दिलअपने  ।

मगर तुमने तो मिलने का कभी वादा नहीं किया ।।

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