भक्ति की शक्ति - by Ganpat Lal Uday


भक्ति की शक्ति


जगत में नही कोई ऐसा काम 

जिसको कर ना सके इन्सान।

मुरलीधर वह राधा का श्याम 

भक्त के बस में  खुद भगवान।।


मोर मुकुट श्याम शीष विराजे

वृन्दावन में कन्हैया देखो नाचे।

जब कोई नाम पुकारे बनवारी 

दोडे़ आते है यह श्याम मुरारी।।


दुखियों के आप  है दीनदयाल 

बाबा नन्द व  यशोदा के लाल।

चक्रधारी श्रीविष्णु के अवतारी

आपकी लिलाएँ बहुत निराली।।


किया पलभर में दुष्टों का नाश

भक्त के हृदय में करते निवास। 

भक्ति में शक्ति है ये बड़ी भारी

जपते नारायण नाम नर- नारी।। 


मिटाते पल भर में सारे कलेश

त्रिदेव बह्मा, विष्णु और महेश। 

लखचौरासी योनि तन मिलता

भक्त उदय ये  कविता लिखता।। 

No comments

Powered by Blogger.