बुढ़ापे की जिन्दगानी - by Chanda Nita Rawat
बुढ़ापे की जिन्दगानी
बुढ़ापे की जिन्दगानी कुछ खट्टी
कुछ मीठी यादों की कहानी
जिन्दगी के शोर से कहीं दूर
शांत एकान्त की है ये कहानी
चाहत न कुछ पाने की
न चाहत कुछ खो जाने की
उम्मीद है तो बस इस
मिट्टी में मिल जाने की
मायूसियों से रिश्ता गहरा
शोर से बहुत दूर
सालों की तजुरबे रखे
देखी दुनियाँ भर पूर
सच्चायी है जिन्दगी की यही
सीख दे जाती भर पूर
बुढ़ापे की जिन्दगानी कुछ खट्टी
कुछ मीठी यादो की कहानी
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