माँ और गांधी - by Suresh Chandra
माँ और गाँधी
माँ
जानता हूँ
की नही पढ़ा है
तुमने कही भी
त्याग,सहिष्णुता, सदभाव और सत्याग्रह के
किसी अर्थ को,
नहीं सीखा तुमने कहीं भी
अहिंसा,सत्य,प्रेम और उपवास की
किसी परिभाषा को,
फिर भी,
माँ,
सत्य के साथ मेरे प्रयोग
बिन पढ़े गाँधी को
बताने वाली
मेरी प्रतिदिन की शिक्षक
सिर्फ
तुम हो।
माँ
तुम्हारा जीवन।
प्रत्यक्ष है
उन सभी सिद्धांतो का।
जिसे बताया था,
साबरमती के
उस संत ने
महात्मा ने।
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