ना करते इशारे - by Prabhat Gaur
ना करते इशारे
ना दिल की ये बाते ना नजरों से कहते
ना करते इशारे तुम हम भी कुछ ना कहते___
ये पाँव के पायल खनकते जिधर हैं
दीवानों की देखों भीड़ उधर हैं
जो अधरों से तुम जरा कुछ भी कहते
ना करते इशारे तुम _________
तेरी उलझी लटों मेघ में खो जाऊँ
जो गर हो इजाजत तो इन नयनों में डुब जाऊँ
ना पथ में तुम मिलते ना कुछ बातें कहते
ना करते इशारे तुम ________
ये फूलों सा चेहरा नाजुक बदन है
ये काँधे पे तिल और कोमल नयन है
ये मिट्टी की खुशबू महक कर है कहते
ना करते इशारे तुम________
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