ये जीवन - by Punit Satyam


ये जीवन


ये जीवन है एक नदी सा

कल-कल कर बह जायेगा ।


ये जीवन है एक बगीचा

रंग-बिरंगे फूलों का ।

नव कलिकायें रहें सुरक्षित 

जिन पर पहरा शूलों का ।

आने दो बसंत का मौसम

खुशबू स्वयं लुटायेगा ।

ये जीवन है एक नदी सा

कल-कल कर बह जायेगा ।


ये जीवन है एक दीया सा

जिसके तले अंधेरा है ।

सुःख-दुःख जीवन के दो पहलू

बाधाओं ने घेरा है ।

अंधकार को दूर भगाकर

नया उजाला लायेगा ।

ये जीवन है एक नदी सा

कल-कल कर बह जायेगा ।


ये जीवन ऊँची सीढ़ी सा

हिम्मत करके चढ़ता जा।

निश्चित होगी जीत एक दिन 

आगे-आगे बढ़ता जा।

उम्मीदों पर दुनिया कायम

बेहतर कल, कल आयेगा ।

ये जीवन है एक नदी सा

कल-कल कर बह जायेगा ।



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