माँ की ममता - by Girish Chandra Ojha


माँ की ममता


माँ की ममता की शान नहीं ।

इससे ऊंचा है ,  स्थान नहीं ।

है और कहीं , मिलता जग में,

माॅ  के समान , सम्मान नहीं ।।


माता की  ममता ,   न्यारी है ।

वह सुमन - सुगन्धित क्यारी है।

जिसमे नर बेसुध,   सो जाता ।

जिसमे दानवता ,   हारी   है ।।


माता के जैसा , स्थान   नहीं ।

माॅ  के जैसा  , सम्मान  नहीं ।

चरणों में मान ,परम - पद है ।

जगती में कोई, स्थान   नहीं ।।


माता का पद - वंदन ,कर लो ।

इन चरणों में , क्रंदन कर लो ।

सुत निरख , अश्रु धारा बहती।

उर नेह - सुधा, चन्दन कर लो।।

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