रक्त दान - by Dr. Rajkumar Shandilya
रक्त दान
रक्त है ईश्वर का वरदान
नहीं, इससे बढ़कर कोई दान
यह अमूल्य है महान
लाली है इसकी पहचान
अब तक नहीं मिला उत्पादन का ज्ञान
यह नहीं बिकता किसी हाट दुकान
इसी से जिंदा रहता इंसान
शरीर में भरपूर रक्त है रोगों का निदान
दुर्घटना में क्षत - विक्षत चाहता रक्तदान
उसी से बचते हैं मानव के प्राण
गंभीर रोगों में शल्य चिकित्सा है निदान
मृत्यु शय्या पर पड़ा इंसान चाहता रक्तदान
इसके बाद, रक्त ही देता पुन: प्राण
समय पर न मिले तो मनुष्य निष्प्राण
भोजन, वस्त्र, धन, भूमि और ज्ञान
सबसे बढ़कर दान महान
प्रतिरोधक क्षमता पुष्टकर बनाता बलवान
यही है सबसे बड़ा बलिदान
मनुष्य इससे ही पाता है सम्मान
वस्तुत: रक्तदान है जीवनदान
रक्त में गर्मी से ही योद्धा बने महान
तभी सीमा पर शत्रु की कांपे जान
रक्त में उबाल नहीं तो नर बेजान
रक्तदाता है मित्र और भगवान
रक्त है ईश्वर का वरदान
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