हम पर्यावरण बचाएँगे - by Chandan Keshri


हम पर्यावरण बचाएँगे


निज हित के लिए हमने,

किया पेड़ों पर प्रहार है।

हर पेड़ यहाँ कराह रहा,

यह कैसा अत्याचार है?


पेड़ों को जब काट-काट,

हमनें शहर बसाया था।

खुद से एक सवाल करो

क्या हमने पेड़ लगाया था?


जहरीली हो रही हवा,

चहुँओर बीमारी छाई है।

ऑक्सीजन भी न मिल रहा,

ये कैसी विपदा आई है?


ऑक्सीजन देते पेड़ को,

कभी हमने ही कटवाया है।

ऑक्सीजन का महत्व हमें,

प्रकृति ने आज बताया है।


जल को किया बर्बाद कभी,

खरीद उसे आज पी रहे।

जल की बर्बादी कर हम,

ये कैसी जिन्दगी जी रहे?


जल है तभी प्राण है,

रखना इसका ध्यान है।

जल की बर्बादी रोक कर,

बचानी अपनी जान है।


लोभ-मोह में आकर हमने,

प्रकृति से खिलवाड़ किया।

इससे क्या नुकसान है?

क्या हमने कभी विचार किया?


रोका न गया खिलवाड़ तो,

हम चैन से कैसे सोएँगे?

जैसे धरती माँ रो रही,

एक दिन हम भी रोएँगे।


प्रकृति को अब बचाना होगा,

जागरूकता फैलाना होगा।

प्रकृति है, तभी हम हैं,

ये सब को सिखलाना होगा।


हम भी पेड़ लगाएँगे,

और हरियाली फैलाएँगे।

आओ हम संकल्प लें,

हम पर्यावरण बचाएँगे।



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