आज की नारी - by Shivdutt Dongre


आज की नारी

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नारी शक्ति, नारी देवी, नारी पूजा है।

नारी कर्म की देवी,

जिसका कर्म ही पूजा है।।

नारी शक्ति, नारी भक्ति,

नारी एक ज्वाला है।

नारी गर है संग तो रब रखवाला है।।

नारी निर्मल इतनी,

जितना पावन नर्मदा का पानी है।

नारी सिर्फ दो शब्द नहीं,

खुद एक कहानी है।।

नारी जितनी सहनशील,

दुनिया में कोई नहीं।

सुन नारी की गाथा,

प्रकृति सदियों सोई नहीं।।

कल्पना चावला, किरण बेदी,

नहीं किसी से कम है।

इंदिरा का दम क्या 

यहाँ किसी से कम है।।

आज की नारी के कदमों में,

फौलाद-सा दम है।

चाहे तो आजमा लो,

हौसला नहीं किसी से कम है।।

हर परिवर्तन को नारी ने,

सबसे पहले स्वीकार किया।

अपने विवेक का परिचय दे,

हम सब को अंगीकार किया।।

प्रगति पथ पर नारी गतिमान,

इस पर तुम विचार करो।

कमजोर आंकने वालों,

इस चुनौती को स्वीकार करो।।

नारी का सम्मान करो!

नारी का सम्मान करो!!


- शिवदत्त डोंगरे

खंडवा, मध्य प्रदेश

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