विचारों की आँधी - by Md. Javed Saudagar


विचारों की आँधी

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सत्य, अहिंसा, प्रेम के पथ पे,

जो चले वो समझो गाँधी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


श्याम-श्वेत का भेद ना हो,

ऊँच-नीच का मदभेद ना हो।

हदय चमके चाँदनी-सा,

यही सच्चे रूप की चाँदी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


भेद-भाव, जात-पात,

द्वेष-द्वंद से दूर रहो।

ना ग़ुरूर में चूर रहो,

ये अभिमानों की बाँदी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


काम-वासनाओं का भोग ना हो,

अशुद्ध विचारों का बोध ना हो।

और सत्ता का लोभ ना हो,

ये भूखों की हांडी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


जवानों की सदा विजय हो,

सदा किसानों की जय हो।

लाल बहादुर, अम्बेडकर, कलाम जैसा

हर राष्ट्रसेवक का चरित्र हो,

यही सदगुरुओं की वाणी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


नमक ख़ाए जो मातृभूमि का,

फ़िर प्राणों से कर्ज़ चुकाए।

छाप छोड़ जाए जो क़दमो की,

वो जीवन की डांडी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


सत्य, अहिंसा, प्रेम के पथ पे,

जो चले वो समझो गाँधी है।

स्वरूप नहीं है कोई इसका,

ये विचारों की आँधी है...


- मो० जावेद सौदागर

रीवा, मध्य प्रदेश

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