हम नूतन इतिहास रचेंगे - by Binod Begana


हम नूतन इतिहास रचेंगे

-

हम नूतन इतिहास रचेंगे।

पतझड़ में मधुमास रचेंगे।

प्रेम के ताने-बाने से हम,

उर में दृढ़ विश्वास रचेंगे।


हर तन को अब अंबर होगा।

जन-जन को अपना घर होगा।

निर्धनता के तम को निगले,

ऐसा पुण्य प्रकाश रचेंगे।

हम नूतन इतिहास रचेंगे।


कोई किसी को करें न शोषण।

हो स्वतंत्र सभी के जीवन।

मन-पंछी निर्विघ्न उड़े जहाँ,

भू पर वही आकाश रचेंगे।

हम नूतन इतिहास रचेंगे।


हम प्रगति को लक्ष्य बनाएँ।

बस आगे ही कदम बढ़ाएँ।

राष्ट्र-धर्म की रक्षा हेतु,

हम गाँधी-सुभाष रचेंगे।

हम नूतन इतिहास रचेंगे।


- बिनोद बेगाना

जमशेदपुर, झारखंड

No comments

Powered by Blogger.