जय भारत माता - by Ajay Anjaam


जय भारत माता

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‍‍हमारी जान है भारतवर्ष,

हमारा मान है भारतवर्ष।

हमारी शान है भारतवर्ष,

हमें अभिमान है भारतवर्ष।

इस मिट्टी को हम माथे का तिलक बनाएंगे।

भारत माता की मिलकर जय कार लगाएंगे।।

जयतु जय भारतमाता।

जयतु जय भाग्य विधाता।।


बहे गंगा जमुना का नीर,

बजाता बंशी कान्हा तीर।

यहाँ का हर बालक है वीर,

बेटियाँ चंचल और गंभीर।

यह बेटे-बेटी मिलकर ही देश सजाएँगे।

भारत माता की मिलकर जयकार लगाएँगे।।

जयतु जय भारत माता।

जयतू जय भाग्य विधाता।।


हिमालय की उत्तर में ढाल,

पखारे पाँव बड़ा सा ताल।

बड़ो भालो अपनों बंगाल,

हृदय है सब का बहुत विशाल।

इस विशाल भारत को हम सिरमौर बनाएँगे।

भारत माता की मिलकर जयकार लगाएँगे।।

जयतु जय भारत माता।

जयतु जय भाग्य विधाता।।


हरी चूनर में लिपटा वक्ष,

बाजुएँ दो गोहाटी कक्ष।

युवा हैं कुशल बली और दक्ष,

यही पूरी दुनिया का अक्ष।

इसी अक्ष पर धरती की रफ्तार घुमाएँगे। 

भारत माता की मिलकर जयकार लगाएँगे।

जयतु जय भारत माता।

जयतु जय भाग्य विधाता।।


बहुत सुंदर इसका श्रंगार,

यहीं है खुशियों का संसार।

ऐ मेरे देश बहुत आभा,

मिले हर जन्म इसी में यार।

जन्म-जन्म हर साँस-साँस में कर्ज चुकाएँगे।

भारत माता की मिलकर जयकार लगाएँगे।।

जयतु जय भाग्य विधाता।

जयतु जय भारत माता।।


निभाएँगे हम इसका साथ,

भले ही कट जाए यह माथ।

थाम लो एक दूजे का हाथ,

करेंगे गद्दारों पर घात।

गद्दारों को इस धरती से दूर भगाएँगे।

भारत माता की मिलकर जयकार लगाएँगे।।

जयतु जय भारत माता।

जयतु जय भाग्य विधाता।।


- अजय अंजाम

औरैया, उत्तर प्रदेश

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