पढ़े गुरुदीन वर्मा जी की रचनाएँ ( Gurudeen Verma )



 (1) मेरा भारत महान

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सारे जहाँ से अच्छा,

मेरा भारत महान।

खुशनसीब हूँ मैं जो,

इसकी हूँ सन्तान।।

सारे जहाँ से अच्छा...


कोशिश की फिरंगियों ने,

कितनी ही बार ऐसी।

करने को नष्ट इसकी शाँ,

लूटने को इसकी खुशी।।

शरमा गये दुश्मन भी ,

देखकर इसका ईमान।

सारे जहाँ से अच्छा...


तहजीब में यहाँ मौजूद है,

सम्मान सबको देना।

बाँटना सभी के दर्द और

सबको ही प्यार देना।।

आबाद हर धर्म है यहाँ,

सुखी है हर इंसान।

सारे जहाँ से अच्छा...


विश्व को दिया इसने सन्देश,

करुणा, प्रेम, अहिंसा का।

कहते हैं इसको विश्वगुरु,

जन्मदाता है महापुरुषों का।।

धन्य है मातृभूमि यह,

तुमको सलाम हिंदुस्तान।

सारे जहाँ से अच्छा...


- गुरुदीन वर्मा

बारां, राजस्थान


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(2) ऐसा जीवन जिन्दाबाद है

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जो हारा नहीं मुसीबतों में,

जो काँटों में भी आबाद है।

दुःखों से निराश जो नहीं हुआ,

ऐसा जीवन जिन्दाबाद है।।

जो हारा नहीं मुसीबतों में...


जीवन में दुःखों का होना भी,

जीवन जीने की शिक्षा है।

महलों-फूलों में बसने की तो,

वैसे ही सबकी इच्छा है।।

जो रोया नहीं देखकर तूफान,

नहीं इससे हुआ बर्बाद है।

दुःखों से निराश जो नहीं हुआ,

ऐसा जीवन जिंदाबाद है।।

जो हारा नहीं मुसीबतों में...


चट्टानों से टकराकर जो

एक फौलादी बन जाता है।

उठती लहरों में किश्ती जो,

साहिल तक पहुँचाता है।।

घबराता नहीं जो अँधेरे से,

इन सब में भी जो उस्ताद है।

दुःखों से निराश जो नहीं हुआ,

ऐसा जीवन जिन्दाबाद है।।

जो हारा नहीं मुसीबतों में...


मजदूर-किसान की तरह,

जिसने जीवन को जिया है।

रहकर भी गरीबी में जिसने,

रोशन जीवन को किया है।।

नहीं भूला संकट में भी जो,

जिसे देश-समाज भी याद है।

दुःखों से निराश जो नहीं हुआ,

ऐसा जीवन जिन्दाबाद है।।

जो हारा नहीं मुसीबतों में...


- गुरुदीन वर्मा

बारां, राजस्थान


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(3) हे मॉं शारदे

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हमेशा तू करना कृपा,

हमपे हे मॉं शारदे!

इंसान अच्छा बने हम,

वर दो ऐसा मॉं शारदे!

हमेशा तू करना कृपा...


दूर हम रहे बदी से सदा,

नेकी की राह हम चले।

झूठ हम नहीं बोले कभी,

सच्चाई पर हम चले।।

राह दिखाना सच की हमेशा,

हमको हे मॉं शारदे!

हमेशा तू करना कृपा...


हमारे हृदय में तू ,

ज्ञान का दीप हमेशा जलाना।

काम वतन के हम आए,

देशभक्त हमको बनाना।।

स्वार्थ से दूर रखना हमेशा,

हमको हे मॉं शारदे!

हमेशा तू करना कृपा...


हम हमेशा करें प्रार्थना,

सब सुखी हो, सब हो आबाद।

चैनो-अमन हो अपने वतन में,

चमन सदा रहे जिंदाबाद।।

नहीं बहे अश्क किसी के कभी,

इस वतन में माँ शारदे।

हमेशा तू करना कृपा...


- गुरुदीन वर्मा

बारां, राजस्थान

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