जब सामने मेरे वो आती है - by Vishendra Chandra


जब सामने मेरे वो आती है

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जब    सामने    मेरे    वो    आती    है।

मेरे   दिल   में   ठहर   सी   जाती   है।।


कैसे    कहु    उनसे    दिल    की   बात।

कही  रूठ  न  जाए  ये  बात सताती है।।


मोहब्बत की बात  छुपा भी नहीं  सकते।

मेरे  दिल  को  बहुत  दुख  पहुँचाती है।।


उनकी  हर  अदा  ने  मेरा  दिल  चुराया।

यही  अदा   मेरे    दिल   को  भाती  है।।


क्या    इसी    का    नाम   मोहब्बत   है।

यह       कह      कर     तड़पाती     है।।


मोहब्बत  की  राह  में  मुश्किलें  है बड़ी।

इन   मुश्किलों  से  लड़ना  सिखाती है।।


कदम - कदम   पर   साथ   हो   उनका।

दुनिया      में      यह     बतलाती    है।।


रहता   हूँ   उसकी   याद   में   हर   दम।

वो     दिल     से     मुझे    बुलाती    हैं।।


जब     सामने     मेरे     वो     आती  है।

मेरे    दिल   में    ठहर   सी   जाती   है।।


- विशेन्द्र चन्द्र

लखनऊ, उत्तर प्रदेश

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